Sunday, December 28, 2014

लेख-बातचीत की कला

लेख-बातचीत की कला
किसी ने सच ही कहा है कि किसी काम को करना अथवा किसी काम को सलीके से करना, दोनों अलग-अलग बातें हैं। व्यावहारिक जीवन में यह बात पूरी तरह लागू होती है। ऑफिस में काम करते हुए भी कई बार ऐसे वाक्य पेश आते हैं, जब हम अपने वाक्चातुर्य और प्रस्तुति से बड़ी से बड़ी मुश्किल का भी सामना कर लेते हैं। ऐसे में सामने वाले के साथ सलीके से पेश आना, आज की बड़ी ज़रूरत बन चुकी है। एक ही ओफिस में कोई कर्मचारी अपने वाक्कौशल और सौम्यता से हर किसी का चहेता बनता है, तो कोई दूसरा प्रस्तुति के मामले में प्रभावहीन साबित होता है।
मुद्दा अपने को सलीके के साथ पेश करने का है।ग्लोबलाईजेशन के आज के दौर में अपने को सलीके से पेश करना बेहद ज़रुरी हो गया है।आखिरकर बात देश की प्रतिष्ठा से भी जुड़ी हुई है। वैसे तो कार्य करने का हर स्थान के अपने एटीकेट्स होते हैं लेकिन सेवा कार्यो से जुड़े क्षेत्रों में इन्हे सबसे अधिक महत्त्व दिया जाता है। यही नहीं व्यक्ति के शालीन व्यवहार के आधार पर संस्थान विशेष का मूल्यांकन भी किया जाता है। कुल मिलाकर आम जिंदगी में काम करने वाले मूल सिद्दांत यहाँ पर भी कही ना कही काम करते हैं।  काम करने के स्थान के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए पेश हैं कुछ टिप्स-
Ø       वरीष्ठ और कनिष्ठ सहयोगियों को मिलकर ऑफिस में आने वाले नए सहयोगी का      स्वागत करना चाहिए। इससे नए सहयोगी को संस्थान में आत्मीयता का अहसास होगा।
Ø       ऑफिस के नए सहयोगी को प्रत्येक कर्मचारी, फिर चाहे वह सी.ई.ओ. हो, टेलीफोन ऑपरेटर अथवा रिसेप्शनिष्ट, सभी से मिलवाना चाहिए। इससे कार्य के दौरान वह सभी लोगो के साथ दोस्ताना अंदाज में पेश आ सकेगा।
Ø       नए सहयोगी से सार्वजनिक स्थलों पर व्यक्तिगत प्रश्न मसलन उसकी शैक्षणिक और वैवाहिक स्थिति तथा वेतन आदि के बारे में पूछना ठीक नहीं माना जाता है।
Ø       हर व्यक्ति का नाम उसकी पहचान का मुख्य स्त्रोत है। नए सहयोगी के नाम गलत उच्चारण करने से परहेज कीजिए। यदि अनजाने में ऐसी भूल हो जाए तो क्षमा मांगने में नहीं हिचके।
Ø       किसी सहयोगी को प्रारम्भिक नाम सम्बोधित करने का आशय सामान्यतः यह है कि आप उससे वरिष्ठ या उसके समकक्ष है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि वरिष्ठ सहयोगी को सम्मान सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सरनेम से सम्बोधित कीजिए।
Ø       सहयोगी को बधाई गरमजोशी से दीजिए। कई बार आपकी मुस्कराहट अलग ही असर दिखाती है। किसी काम में दिए गए सहयोग के लिए रेसेप्शनिष्ट और ऑफिस वाले को भी धन्यवाद देना न भूले।
Ø       अच्छे बॉस,कर्मचारी और सहयोगी हमेशा सलीके से बात करना ना भूलते। कृपया धन्यवाद का इस्तेमाल जरूर कीजिए।
Ø       कई बार जरूरत ना होने पर भी सहयोगियों से छोटी-छोटी बातचीत करते रहिए। इससे संस्थान में दोस्ताना माहौल बनाने में मदद मिलती है।
श्रीमती सोमा अत्रि, स्नातकोत्तर (हिंदी) अध्यापिका,  केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 पठानकोट
निष्ठा समूह
कक्षा-बारहवीं                                          वितान भाग-2
पाठ-जूझ                                            लेखक-आनंद यादव             
प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1 जूझ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी बच्चे पढ़ सकें।
प्रश्न-2 जूझ कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- लेखा का पढ़ने के लिए संघर्ष करने से जूझ शीर्षक को सार्थकता मिलती है।
प्रश्न-3 विषम परिस्थितियों में भी विकाश संभव है-जूझ कहानी के आधर पर बताइए।
उत्तर- लेखक की सफलता द्योतक है कि संघर्ष से विषम परिस्थितियों में भी सफलता संभव है।
प्रश्न-4 “जूझ” कहानी के आधार पर दत्ता जी राव देसाई की किन्ही चार चारित्रिक विषेशताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-1- समझदार व्यक्ति
      2-मददगार व्यक्ति
      3-तर्कशीलता
      4-प्रेरणादायक व्यक्तित्व  
प्रश्न-5 “जूझ” कहानी के आधार पर आनंदा की चारित्रिक विषेशताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- पढ़ने की लालसा, पिता की शर्तें स्वीकार करने वाला, परिश्रमी, बालसुलभता, कविता के प्रति झुकाव।
प्रश्न-6 एक प्रभावशाली शिक्षक किस तरह अपने विद्यार्थी का भविष्य सँवार सकता है?
उत्तर- जिस प्रकार से शिक्षक सौंदलगेकर ने आनंदा के मन में पढ़ाई के प्रति रुचि को और तीव्र किया तथा उसके आत्मविश्वास को बढ़ाया, ठीक उसी प्रकार से एक शिक्षक अपने छात्रों को प्रभावित करके किया जा सकता है।
प्रश्न-7 आनंदा के पिता की भाँति आज भी अनेक पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। आपकी दृष्टि में उन्हें किस प्रकार प्रेरित किया जा सकता है?
उत्तर- शिक्षा का महत्व बताकर।
       


जनसंचार से संबंधित 81 प्रश्न      (गुलाब चंद जैसल स्नातकोत्तर (हिंदी) अध्यापक, केंद्रीय विद्यालय हरसिंहपुरा, करनाल)

प्रश्न- संचार शब्द की उत्पत्ति किस शब्द से हुई है?
उत्तर: संचार शब्द की उत्पत्ति चर शब्द से हुई है। चर का अर्थ है चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना।
प्रश्न- संचार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान है।
प्रश्न- संचार और जनसंचार के विविध माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर: टेलीफोन इंटरनेट फैक्स समाचार-पत्र रेडियो टेलीविजन और सिनेमा आदि।
प्रश्न- विल्वर सैम के अनुसार संचार की क्या परिभाषा है?
उत्तर: विल्वन सैम के अनुसार संचार अनुभवों की साझेदारी है।
प्रश्न- संचार के तत्त्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर: स्रोत संदेश शोर डीकोडिंग फीडबैक आदि।
प्रश्न- संचार के प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर: मौखिक और अमौखिक संचार अंतःवैयक्तिक संचार अंतर-वैयक्तिक संचार समूह समूह संचार जनसंचार आदि।
प्रश्न- संचार प्रक्रिया की शुरूआत कब होती है?
उत्तर: जब स्रोत या संचारक एक उद्देश्य के साथ अपने किसी विचार संदेश या भावना को किसी और तक पहुँचाना चाहता है तब संचार की शुरूआत होती है।
प्रश्न- सफल संचार के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: सफल संचार के लिए आवश्यक है कि संदेशग्रहीता भी भाषा यानी उस कोड से परिचित हो जिसमें अपना संदेश भेज रहे हैं।
प्रश्न- डीकोडिंग का क्या अर्थ है?
उत्तर: डीकोडिंग का अर्थ है प्राप्त संदेशों में निहित अर्थ को समझने की कोशिश।
प्रश्न- फीडबैक से हमें क्या पता चलता है?
उत्तर: फीडबैक से हमें पता चलता है कि संचारक ने जिस अर्थ के साथ संदेश भेजा था वह उसी अर्थ में प्राप्तकर्ता को मिला है।
प्रश्न- शोर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: संचार-प्रक्रिया में कई प्रकार की बाधाएँ आती हैं इन बाधाओं को शोर कहते हैं।
प्रश्न- सांकेतिक संचार किसे कहते हैं?
उत्तर: संकेतों द्वारा विचारों का आदान-प्रदान करना ही सांकेतिक संचार कहलाता है।
प्रश्न- अंतर-वैयक्तिक संचार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जब दो व्यक्ति आपस में आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतर-वैयक्तिक संचार कहते हैं।
प्रश्न- साक्षात्कार में कौन-से कौशल की परख होती है?
उत्तर: साक्षात्कार में अंतर-वैयक्तिक कौशल की परख होती है।
प्रश्न- जनसंचार की किसी एक विशेषता को लिखिए।
उत्तर: जनसंचार माध्यमों के जरिए प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है
प्रश्न- संचार के प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर: प्राप्ति नियंत्रण सूचना अभिव्यक्ति सामाजिक सम्पर्क तथा समस्या-समाधान प्रतिक्रिया आदि।
प्रश्न- जनसंचार के प्रमुख प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: सूचना देना शिक्षित करना मनोरंजन करना, एजेंडा तय करना निगरानी करना तथा विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध कराना।
प्रश्न- संपादकीय विभाग का क्या कार्य है?
उत्तर: खबरों लेखों तथा फीचरों को व्यवस्थित ढंग से संपादकीय करने का कार्य संपादकीय विभाग का होता है
प्रश्न- उदंत मार्तंड का प्रकाशन कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: साप्ताहिक पत्र उदंत मार्तण्ड 1826 ई. में कोलकाता से जुगल किशोर के संपादकत्व में प्रकाशित हुआ।
प्रश्न- भारत में पत्रकारिता की शुरूआत कब हुई?
उत्तर : भारत में पत्रकारिता की शुरूआत सन् 1780 ई में जेम्स ऑगस्ट हिक्की के बंगाल-गजट से हुई।
प्रश्न- आजादी-पूर्व के प्रमुख पत्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर: गणेश शंकर विद्यार्थी माखनलाल चतुर्वेदी महावीर प्रसाद द्विवेदी प्रतापनारायण मिश्र शिवपूजन सहाय रामवृक्ष बेनीपुरी बालमुकुन्द गुप्त आदि।
प्रश्न- आजादी पूर्व की कुछ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओ के नाम बताइए।
उत्तर: केसरी हिन्दुस्तान सरस्वती हंस कर्मवीर प्रताप आज विशाल भारत आदि।
प्रश्न- रेडियो का आविष्कार कब और किसने किया?
उत्तर: सन् 1895 ई. में जी मार्कोनी ने।
प्रश्न- सिनेमा का आविष्कार कब और किसने किया?
उत्तर: सन् 1883 ई. में थामस अल्वा एडीसन ने।
प्रश्न- जनसंचार का नवीनतम लोकप्रिय साधन क्या है?
उत्तर: इन्टरनेट
प्रश्न- प्रमुख स्टिंग ऑपरेशन कौन से हैं?
उत्तर: तहलका ऑपरेशन दुर्योधन या चक्रव्यूह
प्रश्न- पत्रकारिता का मूल तत्व क्या है?
उत्तर: जिज्ञासा और समाचार व्यापक अर्थों में पत्रकारिता का मूल तत्व है।
प्रश्न- पत्रकारिता का संबंध किससे है?
उत्तर: सूचनाओं का संकलन एवं उनका संपादन कर पाठकों तक पहुँचाना है।
प्रश्न- समाचार में कौन-से तत्व आवश्यक है?
उत्तर: नवीनता जनरुचि निकटता प्रभाव।
प्रश्न- संपादन में मुख्य रूप से क्या आवश्यक है?
उत्तर : तथ्यपरकता वस्तुपरकता निष्पक्षता तथा संतुलन ।
प्रश्न- समाचार की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक से अधिक लोगो की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो।
प्रश्न- संपादन का क्या अर्थ है?
उत्तर: किसी सामग्री की अशुद्धियों को दूर कर उसे पठनीय बनाना।
प्रश्न- पत्रकार की बैसाखियाँ किसे कहा जाता है?
उत्तर: विश्वसनीयता संतुलन निष्पक्षता तथा स्पष्टता
प्रश्न- संपादकीय किसे कहा जाता है?
उत्तर: संपादक जिस पृष्ठ पर विभिन्न घटनाओं और समाचारों पर अपनी राय प्रकट करता है उसे संपादकीय कहते है।
प्रश्न- पहले पृष्ठ पर प्रकाशित होने वाले हस्ताक्षरित समाचार को क्या कहते हैं?
उत्तर: कार्टून कोना।
प्रश्न- पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार बताइए।
उत्तर: खोजपरक पत्रकारिता विशेषीकृत पत्रकारिता वॉचडॉग पत्रकारिता एडव्होकेसी पत्रकारिता वैकल्पिक मीडिया।
प्रश्न- खोजपरक पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: ऐसी पत्रकारिता जिसमें गहराई से छानबीन करके ऐसे तथ्यों और सूचनाओं को सामने लाने की कोशिश की जाती है जिन्हें दबाने या छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो।
प्रश्न- वॉचडॉग पत्रकारिता से क्या आशय है?
उत्तर: किसी के सरकार के कामकाज पर निगाह रखते हुए किसी गड़बड़ी का पर्दाफाश करना वॉचडॉग पत्रकारिता कहलाती है।
प्रश्न- एडवोकेसी पत्रकारिता क्या है?
उत्तर: किसी खास मुद्दे को उछालकर उसे पक्ष में जनमत बनाने का लगातार अभियान चलाना एडवोकेसी पत्रकारिता कहलाती है।
प्रश्न- वैकल्पिक मीडिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने और उसके अनुकूल वैकल्पिक सोच को अभिव्यक्त करता है उसे वैकल्पिक मीडिया कहते हैं।
प्रश्न- अखबार शब्द मूल रूप से किस भाषा का शब्द है?
उत्तर: समाचार-पत्र को अरबी में अखबार कहते हैं। इसलिए ऐसा पत्र जिसमें खबरें ही खबरें हो अखबार कहलाता है।
प्रश्न- अग्रलेख से क्या आशय है?
उत्तर: एक ही संपादकीय स्तम्भ में दो या तीन संपादकीय लेख हों तो पहले को अग्रलेख व अन्य को संपादकीय टिप्पणियां कहते हैं।
प्रश्न- एंकर का क्या अर्थ है? तथा उद्घोषक को हम किस अर्थ में लेते हैं?
उत्तर: किसी टीवी कार्यक्रम को संचालित करने वाला अभिनेता या अभिनेत्री। रेडियो कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व कार्यक्रम संबंधी या अन्य आवश्यक घोषणाएँ करने वाला उद्घोषक कहलाता है।
प्रश्न- कतरन (क्लिपिंग) किसे कहते हैं?
उत्तर: संपादकीय लेख, टिप्पणियाँ तैयार करने हेतु विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं से काटकर रखी गई कतरनों को क्लिपिंग कहते हैं।
प्रश्न- कवरेज को हम किस अर्थ में लेते हैं?
उत्तर: घटनास्थल पर पहुँचकर समाचारों का संकलन करना और उन्हें प्रकाशित करना कवरेज कहलाता है।
प्रश्न- गजट को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: वह सामयिक-पत्र जिसमें सरकारी सूचनाएँ प्रकाशित होती हैं
प्रश्न- पत्रकारिता में छः ककार क्या हैं?
उत्तर: पत्रकार कप्लिंग ने समाचार संकलन के लिए पाँच डब्ल्यू व एक एच का सिद्धांत दिया इसे ही हिन्दी में छः ककार का सिद्धांत कहते हैं। ये ककार हैं- कहाँ कब क्या किसने क्यों और कैसे।
प्रश्न- टाइप के कितने अंग हैं?
उत्तर: टाइप के 10 अंग हैं- काउंटर, बॉडी, सेरिफ, फेस, बिअर्ड, शोल्डर, पिन, निक, ग्रूव, फुट।
प्रश्न- टेलीप्रिंटर का कार्य क्या है?
उत्तर: विद्युत-चालित मशीन जिसकी सहायता से संवाद समितियों के समाचार अखबार के कार्यालय तक मशीन पर चढ़े कागज पर स्वतः टाइप होकर पहुँचते हैं।
प्रश्न- डमी शब्द की व्याख्या प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: इसे ले-आउट भी कहते हैं पत्र के पूरे आकार या छोटे आकार वाले कागज जिन पर समाचारों चित्रों विज्ञापनों की स्थिति की रूपरेखा दी जाती है।
प्रश्न- डेडलाइन किसे कहते हैं?
उत्तर: प्रत्येक समाचार के शीर्षक के बाद और इंट्रो से पहले उस समाचार का स्थान व तारीख दी जाती है उसे डेटलाइन कहते हैं।
प्रश्न- तड़ित समाचार (फ्लैश) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: किसी विशेष समाचार का पूरा विवरण देने में देर लगने की स्थिति में उस समाचार का संक्षिप्त रूप न्यूज एजेंसी पत्र या रेडिया को दिया जाता है इसे फ्लैश कहते हैं।
प्रश्न- पीत पत्रकारिता (यलो जर्नलिज्म) किसे कहते हैं?
उत्तर: कतिपय समाचार-पत्र सनसनीखेज खबरों और व्यक्ति-परक चरित्र-हनन जैसे समाचारों को अधिक महत्व देते हैं, ऐसी प्रवृत्ति को पीत पत्रकारिता कहते हैं।
प्रश्न- प्रिंट लाइन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: प्रत्येक समाचार-पत्र या पत्रिका में संपादक प्रकाशक और मुद्रक का नाम अनिवार्य रूप से प्रकाशित किया जाता है, इस विवरण को ही प्रिंट लाइन कहते हैं।
प्रश्न- फिलर पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: वह छोटा-छोटा मैटर जो मेक-अप में खाली स्थान बचने पर उसे भरने के काम आता है।
प्रश्न- फीचर किसे कहते हैं?
उत्तर: किसी रोचक विषय पर मनोरंजक शैली में लिखा गया लेख फीचर कहलाता है।
प्रश्न- फॉलोअप क्या होता है?
उत्तर: गत दिवस के अधूरे समाचार की अगली और नवीन जानकारी का प्रस्तुतीकरण ही फॉलोअप है।
प्रश्न- वाइ-लाइन क्या है?
उत्तर: संवाद के ऊपर दिया जाने वाला संवाददाता का नाम।
प्रश्न- रि-पंच के बारे में लिखिए।
उत्तर: किसी समाचार का भेजने वाले केन्द्र से पुनःप्रेषण।
प्रश्न- लाइन ब्लॉक क्या है?
उत्तर: लाइनों से बने चित्र का ब्लॉक।
प्रश्न- लीड क्या है?
उत्तर: समाचार का मुख्य बिंदु जिसे पहले पैरा में दिया जाता है।
प्रश्न- लेड क्या है?
उत्तर: दो पंक्तियों के बीच जो स्पेस डाला जाता है वही लेड कहलाता है।
प्रश्न- विज्ञापन एजेंसी का क्या कार्य है?
उत्तर: ऐसी संस्था जो विज्ञापनदाताओं से उचित रकम पर विज्ञापन लेकर उसे तैयार करवाकर उचित माध्यमों को भेजती है।
प्रश्न- शेड्यूल क्या है?
उत्तर: महत्वपूर्ण समाचारों की सूची ही शेड्यूल है।
प्रश्न- सर्वेक्षण (सबिंग) के विषय में बताइए।
उत्तर: किसी समाचार या लेख को इस प्रकार संक्षिप्त करना कि समाचार या लेख के सभी मुख्य अंश उसमें आ जाएँ।
प्रश्न- संपादन के विषय लिखिए।
उत्तर: संपादन फिल्म निर्माण की एक रचनात्मक प्रक्रिया है। इसमें किसी फिल्म के शूट किए गए दृश्यों को कहानी के अनुसार कलात्मक ढंग से जोड़ा जाता है। ध्वनि एवं संगीत भी संपादन के अंतर्गत डाली जाती है।
प्रश्न- समय सीमा के विषय में लिखिए।
उत्तर: किसी संस्करण के लिए वह अंतिम समय-सीमा जब तक मुद्रण विभाग द्वारा कंपोजिंग हेतु मैटर स्वीकार किया जाता है।
प्रश्न- स्टैंडिंग मैटर के विषय में आप क्या जानते है?
उत्तर: भविष्य मे पुनः छापने के लिए रोका गया कंपोज्ड मैटर।
प्रश्न- स्तंभ को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: पत्र-पत्रिका के पृष्ठ का वह भाग या किसी विशेष विषय के लिए निर्धारित स्थान को स्तंभ के रूप में जानते हैं।
प्रश्न- फ्रीलांसर या स्वतंत्र पत्रकार किसे कहते हैं?
उत्तर: फ्रीलांसर या स्वतंत्र पत्रकार उन्हें कहते हैं जिनका किसी विशेष एक समाचार पत्र से संबंध नहीं होता । ऐसे पत्रकार भुगतान के आधार पर कार्य करते हैं।
प्रश्न- हेड रूल से क्या आशय है?
उत्तर: वह रेखा जो पृष्ठ के उपर क्षैतिज डाली जाती है ताकि नीचे का मैटर तारीख और संख्या आदि से समाचार पत्र का नाम अलग रहे।
प्रश्न- फीडबैक किसे कहते हैं?
उत्तर: संचार प्रक्रिया में संदेश को प्राप्त करने वाला जो सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया करता है उसे फीडबैक कहते हैं।
प्रश्न- पत्रकारिता के पहलुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर पत्रकारिता के तीन पहलू हैं -
1
समाचारों को संकलित करना।
2
उन्हें संपादित कर छपने लायक बनाना।
3
पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाठकों तक पहुँचाना।
प्रश्न- किन्हीं दो समाचार एजेंसियों के नाम लिखिए।
उत्तर: पी. टी. आई. भाषा
यू. एन. आई. यूनिवार्ता
प्रश्न- संपादकीय के प्रमुख सिद्धांत लिखिए।
उत्तर: 1 तथ्यों की शुद्धता
2
वस्तुपरकता
3
निष्पक्षता
4
संतुलन
5
स्रोत
प्रश्न- पूर्णकालिक पत्रकार कौन होता है?
उत्तर: ऐसा पत्रकार जो किसी समाचार संगठन में काम करता है और नियमित वेतन पाता है उसे पूर्णकालिक पत्रकार कहा जाता है।
प्रश्न- संवाददाता या रिपोर्टर किसे कहते है?
उत्तर: अखबारों में समाचार लिखने वालों को संवाददाता या रिपोर्टर कहते हैं।
प्रश्न- अंशकालिक पत्रकार से आप क्या समझते हो?
उत्तर: सीमित या कम समय के लिए काम करने वाले पत्रकार को अंशकालिक पत्रकार कहा जाता है। इन्हें प्रकाशित सामग्री के आधार पर पारिश्रमिक दिया जाता है।
प्रश्न- समाचार-लेखन की दो शैलियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर : 1 सीधा पिरामिड शैली इसमें समाचारों के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य को पहले पैराग्राफ में उससे कम महत्व की सूचना या तथ्य की जानकारी उसक बाद दी जाती है।
2
उल्टा पिरामिड शैली: यह शैली समाचारों का ऐसा ढॉंचा ह जिसमें आधार ऊपर और शीर्ष नीचे होता है उसमें समाचारों का क्रम होता है समापन बॉडी और मुखड़ा। यह सबसे लोकप्रिय और बुनियादी शैली है।
प्रश्न- डेस्क से क्या आशय है?
उत्तर: समाचार माध्यमों में डेस्क का आशय संपादन से होता है। समाचार माध्यमों में मोटे तौर पर संपादकीय कक्ष डेस्क और रिपोर्टिंग में बँटा होता है। डेस्क पर समाचारों को संपादित कद अपने योग्य बनाया जाता है।
सौजन्‍य गुलाब चंद जैसल, सेवाकालीन प्रशिक्षण शिविर, एएमसी लखनऊ        सीबीएसई परीक्षा संबंधी अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न-अभ्‍यास

1.
उल्टा पिरामिड शैली क्या होती है?
2.
पत्रकारिता की भाषा में बीटकिसे कहते हैं?
3.
पत्रकारिता का मूल तत्व क्या है?
4.
फीचर लेखन और समाचार में क्या अन्तर है?
5.
छह ककार कौन से हैं?
6.‘
पेज थ्रीपत्राकारिता का तात्पर्य क्या है?
7. ‘
स्तम्भ लेखनसे क्या तात्पर्य है?
8. ‘
डेड लाइनक्या है?
9. ‘
पत्रकारीय लेखनऔर साहित्यिक सृजनात्मक लेखनमें क्या अन्तर है?
10.
फीचर लेखन की भाषा शैली कैसी होनी चाहिए?  संचार के प्रमुख तत्‍व कौन-कौन से हैं?
12.
भारत में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार-पत्र कौन-सा है?
13.
समाचार के प्रमुख तत्‍वों का उल्‍लेख कीजिए।
14.
भारत में बेब-पत्रकारिता की प्रमुख बेबसाइटों के नाम बताइए
15.
समाचार किस शैली में लिखा जाता है?
16.
रेडियो समाचार की संरचना किस शैली पर आधारित होती है।
17.
इंटरनेट पत्रकारिता के लोकप्रिय होने का सबसे प्रमुख कारण क्‍या है?
18.
बीट किसे कहते हैं?
19.
पत्रकारीय लेखन क्‍या है?
20.
मुद्रित माध्‍यम में लेखक को किन-किन बातों का ध्‍यान रखना होता है?
21.
बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में क्‍या अंतर है?
22.
पत्रकारिता के संपादन में किन सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य है?
23.
प्रिंट माध्यम से क्या तात्पर्य है?
24.
टेलीविज़न समाचारों में एंकर बाइट क्यों जरूरी है?
25.
इंटरनेट किसे कहते हैं?
26.
फ्री लांस पत्राकार किसे कहा जाता है?
27.
रेडियो नाटक से आप क्या समझते हैं?


आलो-आँधारि
प्रश्न-1 अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तों की कौन-सी सचाई उजागर होती है?
उत्तर- अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफर में बेबी नें यह जान लिया था कि रिश्ते दिलों से बनते हैं। तातुश और उनके परिवार के सद्स्य उसे उसी परिवार का सदस्य होने का एहसास कराते हैं। इस घर से पहले वह अनेक जगह किराए पर रही जहाँ उसे लोगों की गंदी नज‌रों का सामना करना पड़ा। जहाँ एक ओर पुरुष उसकी मज़बूरी का फायदा उठाना चाहते, वहीं दूसरी महिलाएँ भी उसकी पीड़ा में वृद्धि करती हैं। हर समय उसके पति के बारे में पूछ्ताछ करती हैं। उसके बुरे वक्त में उसके पिता और भाई भी काम नहीं आए।
प्रश्न-2 तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो जेठू का यह कथन रचना संसार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?
उत्तर- तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो जेठू का यह कथन लेखिका बेबी के अंदर एक नया उत्साह भरता है। इस कथन का तात्पर्य है कि लेखिका के जीवन की जटिलताएँ उसके लेखन कार्य में आड़े नहीं आएँगी। आशापूर्णा देवी ने अपना लेखन कार्य जारी रखा, और नई उँचाइयों को छुआ। जिस व्यक्ति में लेखन प्रतिभा है उसे जरा-सा उत्साहित कर दें तो वह लेखन कर सकता है। जेठू ने बेबी हालदार की प्रतिभा को पहचान कर उसे उत्साहित एवं प्रोत्साहित किया। जिससे वह लेखिका के रूप में प्रतिष्ठित हुई।
प्रश्न-3 तातुश ने लेखिका को बच्चों के बारे में क्या कहा?
उत्तर- तातुश ने जब बच्चों के बारे में पूछा तो लेखिका ने कहा कि वह बच्चों को पढ़ाना चाहती है मगर अवसर नहीं है। तातुश उसकी आर्थिक समस्या को समझ जाते हैं और उससे बच्चों को लाने के लिए कहते हैं तथा आश्वस्त करते हैं कि उसे पास के स्कूल में दाखिल करा देंगे। वे रोज़ सुबह उसके साथ आएँगे और दोपहर को साथ ही चले जाएँगे।
प्रश्न-4 लेखिका के अनुसार तातुश के छोटे लड़के का व्यवहार कैसा था?
उत्तर- लेखिका के अनुसार तातुश का छोटा बेटा बहुत ही कम बोलता था। वह कभी भी लेखिका को काम के लिए नहीं कहता था। लेखिका रसोई घर में ही काम कर रही होती थी और वह वहाँ जाकर स्वयं चाय बनाने लगता था। लेखिका जब उसके कमरे में जाकर पूछती कि उसे कुछ चाहिए तो नहीं, वह जवाब न देकर सिर्फ हाँ-हूँ ही करता रहता था।
प्रश्न-5 लेखिका ने पार्क में जाना क्यों छोड़ दिया था?
उत्तर- लेखिका की पार्क में कई महिलाओं से मुलाकात होती थी सबी के वही प्रश्न होते थे, तुम बंगाली हो? कहाँ रहती हो? अकेले रहती हो? तुम्हारा स्वामी कहाँ है? कई अपरिचित लड़के उससे बात करने की कोशिश करते। वह इन सभी बातों से परेशान हो चुकी थी। इसीलिए उसने पार्क में जाना बंद कर दिया था।
प्रश्न-6 लेखिका रात भर खुले आसमान के नीचे क्यों रही?
उत्तर- एक दिन जब लेखिका काम पर गई हुई थी तो उसके मोहल्ले में बुलडोज़र द्वारा सारे मकान तोड़ डाले गए। सबके सामान बाहर फेंक दिए गए, लेखिका जब काम से वापस आई तो रोते हुए बच्चों ने सारी बात बताई। यह सब देख कर लेखिका रोने लगी शाम होने वाली थी इस समय वह कहाँ जाए? लेखिका बच्चों के साथ रात भर वहीं बैठी रही। इसा प्रकार लेखिका ने पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी।
प्रश्न-7 लेखिका को रमन दा क्यों अच्छा लगता था?
उत्तर- रमन दा हँसमुख, बातूनी और बेलौस इंसान था। वह लेखिका को पाकशास्त्र की जानकारी देता था। कभी बच्चों के बारे में समझाता कि वे अभी छोटे हैं शरारतें करते हैं, उसे उनकी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना होगा ताकि सारे दिन खेलते ही न रहें। रमन दा की लेखिका के प्रति आत्मीयता उसे प्रसन्न करती थी। इसलिए रमन दा लेखिका को बहुत अच्छा लगता था।
प्रश्न-8 जब लेखिका ने अपनी रचना अपने नाम से छपी देखी तो उसकी मनः स्थिति कैसी थी?
उत्तर- एक दिन अचानक लेखिका को एक लिफाफा मिला उस लिफाफे में लेखिका के लिए एक पत्रिका थी। वह उसके पृष्ठ पलटने लगी एक स्थान पर अपना नाम देखा, जहाँ लिखा था आलो-आँधारि बेबी हालदार उसका मन मयूर नृत्य करने लगा। उसे जेठू की याद आई कि आशापूर्णा देवी भी व्यस्त समय में लेखन करती थी, वह भूल गई कि रसोई में चाय के लिए पानी रखा है। चाय बनाकर वह भागी-भागी अपने बच्चों के पास गई और बोली देखो-देखो एक चीज। उसने बच्चों को अपना नाम दिखाया। वह आत्मविश्वास से भर उठी। उसे लगा कोई अलौकिक वस्तु हाथ लग गई है।

           शिवजो सागर, स्नातकोत्तर (हिंदी) अध्यापिका
           केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की,     


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